Why Is This Ksharsutra Treatment?
भगन्दर के मुख्य लक्षण:
भगंदर नामक बीमारी एक दुःसह यानी गंभीर बीमारी है| जिसमें मलद्वार के आसपास यानी perianal area में फोड़ा या फुंसी हो जाता है| जिसमें से मवाद यानी पस या पानी जैसा पदार्थ बीच बीच में आता रेहता है फिर बंद हो जाता है और कुछ दिनों के पश्चात दोबारा आना शुरू होता है और यह प्रक्रिया चालती रेहति है| इस में दर्द तब होता है जब मवाद आना बंद हो जाता है| भगंदर अर्थात फिस्टुला का मुंह बंद हो जाता है या बीच बीच में कष्ट पहुंचाता रहता है और मरीज को सामान्य जीवन नहीं जीने देता| भगंदर के मुख्य कारण है उनमें Anal Cripts में इन्फेक्शन हो जाना जरूर है लेकिन जो सामान्य कारण है उसमें कब्जियत (कॉन्स्टिपेशन), हॉर्स राइडिंग (घुड़सवारी), दो पहिया वाहन की ज्यादा सवारी करना अथवा बहुत ज्यादा देर तक बैठे रहना मल वक्त अधिक जोर लगाना इत्यादि| इनमे से कोई एक या अधिक कारणों से भगन्दर हो सकता है| जैसा कि हम जानते हैं कि यह एक गंभीर समस्या है जिसमें सामान्य रूप से चिकित्सा कठिन है| आयुर्वेदिक दवाइयों, एलोपैथिक दवाइयों, होम्योपैथिक दवाइयों से क्षणिक लाभ तो मिल सकता है परंतु पूर्ण लाभ नही मिलता| आधुनिक शल्य चिकित्सा में सफलता दर केवल 50%-60% ही है अर्थात 40%-50% लोगो को आपरेशन कराने के बाद भगन्दर दोबारा हो जाता है | England के एक विख्यात Allopathic शल्य चिकित्सक ने तो अपना स्वयं का आपरेशन लगातार 17 बार कराया फ़िर भी उसका भगन्दर ठीक ना हो सका (Ref: Page No. 168, Kshar Sutra & Colorectal Surgery By Dr. Lalta Prasad) आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति मे क्षार - सूत्र चिकित्सा ही एकमात्र ऐसी विधा इस पृथ्वी पर है, जिससे भगन्दर लगभग शत प्रतिशत (सफलता दर 99% - 100%) ठीक हो जाता है|
Fistula
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Fistula means reep or pipe like.fistula-in-ano, is a chronic abnormal communication between the epithelialised surface of the anal canal and (usually) the perianal skin.An anal fistula can be described as a narrow tunnel with its internal opening in the anal canal and its external opening in the skin near the anus. Anal fistulae commonly occur in people with a history of anal abscesses. They can form when anal abscesses do not heal properly. Anal fistulae originate from the anal glands, which are located between the internal and external anal sphincter and drain into the anal canal. If the outlet of these glands becomes blocked, an abscess can form which can eventually extend to the skin surface. The tract formed by thisprocess is a fistula. Abscesses can recur if the fistula seals over, allowing the accumulation of pus. It can then extend to the surface again – repeating the process. Anal fistulae per se do not generally harm, but can be very painful, and can be irritating because of the drainage of pus (it is also possible for formed stools to be passed through the fistula). Additionally, recurrent abscesses may lead to significant short term morbidity from pain and, importantly, create a starting point for systemic infection. Talk to our Fistula Doctor Vikash Kumar about whether this type of treatment would be suitable for your individual situation.